स्वतंत्रता का त्योहार - आज़ादी की खुशियाँ"
स्वतंत्रता का त्योहार - आज़ादी की खुशियाँ"
इन्क़लाबी रूप से हम खड़े हैं।
आज़ादी के जज्बे से जगमगाते हैं।
देश के सीने में प्यार बाँटते हैं।
वीरता हमारे हर रग-रग में बहकते हैं।
तिरंगा ऊंचा लहराता है।
हम तिरंगे की महिमा में खो जाते हैं।
15 अगस्त का दिन ख़ास है,
आज़ादी का उत्सव हम मनाते हैं।
वीरों ने संकल्प किया था स्वतंत्र होने का।
अपने खून से दी थी प्यारी जिंदगी का हिस्सा।
उनका ये बलिदान भूल न जाएं हम।
देश प्रेम का सन्देश यही है हमारा।
धरती पर खिलते हैं फूल।
हमारी मिट्टी में है अनमोल शान।
हर कोने में आत्मरक्षा है भारतीयों की।
भारत को आज़ाद देश स्वीकार करते हैं।
आज़ादी के चमकते सितारे हैं।
नए गीत गाते हैं हम उत्साह से।
सभी मिलकर बनाएं एक नया इतिहास।
हर एक हाथ मिलाकर खड़े होते हैं।
राष्ट्रीयता के चित्र को बनाएं।
हम सभी साथ मिलकर आयाम बढ़ाते हैं।
आज़ादी का त्योहार मनाएं।
जय हिंद, जय भारत, यही है हमारा संदेश।
यह एक कविता भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित है और आज़ादी के अमृत महोत्सव के जश्न के अवसर पर समर्पित है।
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